बहुत से लोग इन्हें समझते हैं एक समस्या लेकिन यह तो कर रहे होते हैं बड़ी ही तपस्या। बहुत से लोग इन्हें समझते हैं एक समस्या लेकिन यह तो कर रहे होते हैं बड़ी ही तपस...
प्रकृति की धानी चुनर को ओढ़ धरा यूं खिली हुई है सूरज की किरणों के संग में लालिमा ज् प्रकृति की धानी चुनर को ओढ़ धरा यूं खिली हुई है सूरज की किरणों के संग में...
ये बात केवल अगस्त की है त्योहार तो पूरे साल चलते ये बात केवल अगस्त की है त्योहार तो पूरे साल चलते
जो बचपन में होंठों पर लाती है एक मुस्कान लुभावनी। जो बचपन में होंठों पर लाती है एक मुस्कान लुभावनी।
मेरी नन्ही परियों ने बड़े होकर पूरे जग को महकाया है। मेरी नन्ही परियों ने बड़े होकर पूरे जग को महकाया है।
इस कविता मे धरती का महबूब उसे उसकी हुई बुरी हालत से रूबरू करवा रहा है... इस कविता मे धरती का महबूब उसे उसकी हुई बुरी हालत से रूबरू करवा रहा है...